दोस्तो, क्या आप जानते हैं कि एक अच्छी कविता क्या होती है और हम कैसे एक अच्छी कविता लिख सकते हैं? आज इस पोस्ट में हम इन्हीं सवालों के जवाब ढूँढेंगे। ये पोस्ट कोई टेक्निकल बारीकियाँ बताने के लिए नहीं है बल्कि उन बातों के लिए है जिनसे आप चाहे जिस भी विधा में लिखते हों उस में पहले से बेहतर लिख सकें।
कविता लिखना आसान है लेकिन एक अच्छी कविता लिखना मुश्किल काम है। बहुत से ख़यालों को ख़ारिज करना पड़ता है और नए सिरे से सोचना पड़ता है तब कहीं जाकर एक अच्छी कविता हो पाती है। इसमें वक़्त लगता है और अगर जल्दबाज़ी की गई तो वो गहराई नहीं आ पाती है जिससे पाठक के दिल में घर किया जा सके। और यही है एक अच्छी कविता की परिभाषा - जो पाठक के दिल में जगह बना ले।
ये तो हो गई परिभाषा। अब हमें ये भी जानना है कि दिल में घर करने वाली कविता लिखते कैसे हैं। लिखते वक़्त किन-किन बातों का ख़याल करें और किन बातों को लेकर ज़ियादा परेशान ना हों। ध्यान रखें कि कविता में बहुत शक्ति होती है। ये सिर्फ़ कवि के दिल की आवाज़ नहीं बल्कि कभी-कभी एक अवाम की आवाज़ बन जाती है। इसलिए यह एक ज़िम्मेदारी का काम है और इसे पूरी ज़िम्मेदारी के साथ करना पड़ता है। तो चलिए, अब जानते हैं कि एक अच्छी कविता कैसे लिखी जाती है।
एक अच्छी कविता कैसे लिखें
ख़ूब पढ़ें
यह बात तो आप गाँठ बाँध के रख लें कि बग़ैर कुछ अच्छा पढ़े, अच्छा लिखा नहीं जा सकता। कहने का मतलब ये है कि हमें अगर एक अच्छा कवि/शायर बनना है तो पहले एक अच्छा पाठक बनना पड़ेगा। इसलिए पढ़ने के साथ कभी समझौता न करें। आप जिस भी विधा या शैली में लिखते हों, उस विधा और शैली की कविताएँ पढ़िए और बारीकी से देखिए कि किसी तसव्वुर को किस तरह से कवि या शायर ने दर्शाया है। आप भी ख़ुद से पूछें कि अगर मैं यह बात कह रहा होता तो कैसे कहता और किन शब्दों का इस्तेमाल करता। पढ़ते-पढ़ते थोड़ा ठहर कर इस तरह अपने आप से सवाल पूछा करें, इससे आपके ख़यालों में गहराई आएगी। पढ़ने के लिए आप ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी माध्यम का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर ऑफलाइन पढ़ रहे हों तो आप एक विद्यार्थी की तरह नोट्स भी बना सकते हैं जो आप अपने मुताबिक़ ही तय करें।
कविताएँ सुनें
मेरा ऐसा मनना है कि अगर आपको कविताऍं सुनने का मौक़ा मिले तो आप ज़रूर सुनें। पढ़ने के साथ-साथ अगर आप कविताएँ सुनेंगे तो वो और भी ज़ियादा natural लगती हैं क्योंकि कवि या शायर की आवाज़ अपने आप एक ऐसा माहौल बनाती है जहाँ सुनना सिर्फ़ सुनना न होकर बल्कि एक सीख भी हो जाती है। आप हर एक लफ़्ज़ से अपने आपको कवि/शायर से जोड़ पाते हैं। इसलिए आस-पास के कवी सम्मलेन और मुशायरों का हिस्सा ज़रूर बनें। यहाँ मनोरंजन के साथ-साथ बहुत कुछ सीखने का मौक़ा भी मिलता है।
कल्पना का इस्तेमाल
यह बहुत ही अहम बिंदु है। मेरा हमेशा ये कहना है कि कविता वो सच है जो कल्पना के ज़रिए निकलती है। आपने अक्सर ये सुना होगा कि कवि/शायर अपने अनुभवों पर लिखते हैं और दुनिया से साझा करते हैं या कवि/शायर दुनिया को अलग नज़र से देखते हैं। मैं मानता हूँ कि कवि और शायर दुनिया को अलग नज़र से देखने की बजाए, अलग नज़रिए से बयाँ करते हैं। और उनको अलग तरह से बयाँ करने के लिए अपनी कल्पना शक्ति का इस्तेमाल करना पड़ता है। जिस भी कवि/शायर की कल्पना शक्ति नायाब होगी, वो उतने ही नए ज़ाविए से अपनी बात कह पाएगा। इसलिए कल्पना का सहारा ज़रूर लें। ज़रूरी नहीं कि आपको हर चीज़ का तजरबा हो, इसलिए अपनी कल्पना का दायरा बढ़ाते रहें और नए-नए ज़ाविए से बातें कहते रहें।
अपने दिल की सुनें
आपके साथ ऐसा हो सकता है कि आप सोचें कि फलाना कविता किसी को पसंद आएगी या नहीं। मेरी मानिए, और निश्चिन्त हो के केवल और केवल अपने दिल की सुनें। उन विषय पर कविता लिखें या उन पंक्तियों का इस्तेमाल करें जो आपको पसंद है ना कि दुनिया को। हमेशा ध्यान रखें कि जो भी कविता आप लिख रहे हैं, सबसे पहले वो आपको पसंद आनी चाहिए दुनिया को नहीं। ज़ाहिर सी बात है अगर आप अपनी कोई भावना कविता के रूप में साझा करना चाहते हैं तो आप ख़ुद को इतनी आज़ादी दें कि आप वो काम कर सकें। इससे आप बेहतर से बेहतर लिख सकते हैं क्योंकि आप वो लिख रहे हैं जो आप चाहते हैं।
कविता को निखारते रहें
ये सबसे अहम बिंदु है। अगर आपने आज एक कविता लिख ली है और आप ख़ुद भी मानते हैं कि कविता अच्छी हुई है तो उसे कुछ दिनों के लिए अपनी डायरी या लैपटॉप में संभाल कर रख दें। तब तक दूसरी कविताओं पर काम करें। फिर एक हफ़्ते या 10 दिन के बाद वापिस उस कविता को पढ़ें। आपको कुछ न कुछ कमी ज़रूर दिखेगी। आपके पास एक नया नज़रिया होगा उस कविता को देखने का, उसे परखने का। जहाँ कहीं भी आपको बदलाव करना सही लगे आप कर लें। वो बदलाव आपकी कविता को बेहतर ही करेगा पहले की तुलना में। आप हर पंक्ति को ध्यान से पढ़ें और अगर कोई व्याकरण में ग़लती हो तो उसे भी दुरुस्त कर लें। यह सब करने के बाद आपकी एक कविता पूरी हो जाएगी। अब यही प्रोसेज़ बाक़ी की कविताओं पर भी दोहराएँ।
तो दोस्तो, मुझे उम्मीद है कि मैंने "एक अच्छी कविता कैसे लिखें" प्रश्न का उत्तर इस ब्लॉग पोस्ट में बहुत ही detail में दे दिया। इस पोस्ट में जो भी बातें आपसे साझा की हैं उनका पालन करें और बेहतर से बेहतर कविताएँ लिखें। अंत में यह ज़रूर कहूँगा कि एक अच्छी कविता लिखना एक धीमा प्रोसेज़ है मगर हमें आहिस्ता-आहिस्ता आगे बढ़ते रहना है और मैंने अपनी समझ और तजरबे के तहत आपकी मदद करने की पूरी कोशिश की है। अगर आपका कोई सवाल है तो आप कॉमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। अंत तक बने रहने के लिये शुक्रिया।
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