दोस्तो, पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने मात्रा गणना के नियम समझे थे। मात्रा गणना के नियम सीखने के बाद सबसे ज़रूरी विषय है मात्रा गिराने के नियम को समझना। जैसा कि मैंने पहले भी समझाया है कि शायरी में उच्चारण बहुत अहम किरदार अदा करता है किसी भी लफ़्ज़ का वज़्न तय करने में। इसलिए ग़ज़ल कही जाती है ना कि लिखी जाती है। ध्यान रखें कि हम अपने उच्चारण को एक निश्चित जगह पर हल्का करके मात्रा गणना में रियायत पा सकते हैं। वो कौन सी जगह है और उसके क्या नियम हैं इसके बारे में समझने के लिए ही ये पोस्ट है। तो आइए, अब हम मात्रा गिराने के नियम समझते हैं।
मात्रा गिराने के नियम
(1) वो शब्द जो आ, ई, ऊ, ए, ओ स्वर से समाप्त होते हैं, केवल उनकी ही मात्रा गिराई जाती है। उदाहरण - ज़ियादा, आता, आते, आदि। इसी बात से आप समझ सकते हैं कि मात्रा गिराई कहाँ जाती है - शब्द के अंत में। हालाँकि कुछ शब्द हैं जिनकी मात्रा शुरू में या बीच में भी गिराई जा सकती है जैसे - मेरा (मिरा 12), तेरा (तिरा 12), आईना (आइना 212), कोई (कुई 12)
(2) ध्यान रखें कि ऐ, औ से समाप्त होने वाले शब्दों की मात्रा नहीं गिराई जा सकती है। लेकिन कुछ शब्दों में मात्रा गिराने की छूट मिलती है जैसे - मैं, है, हैं। इन्हें, मात्रा गिराकर 1 मान सकते हैं।
(3) शाश्वत दीर्घ शब्दों की मात्रा नहीं गिराई जा सकती क्योंकि इनके अंत में (1) में दिए गए स्वर होते ही नहीं हैं। उदाहरण - ख़त, हिम्मत, हुनर, पत्थर, आदि।
(4) किसी भी व्यक्ति अथवा नाम की मात्रा नहीं गिराई जा सकती है जैसे - राजू, मीरा, आगरा, आदि।
(5) किसी भी तत्सम शब्द की मात्रा नहीं गिराई जा सकती है। उदाहरण - दीपावली, विडंबना, राजा, आदि। तत्सम शब्द वे शब्द होते हैं जो संस्कृत भाषा से बिना किसी परिवर्तन के हिंदी में प्रयोग किए जाते हैं।
नोट :
(1) हमारी कोशिश हमेशा ये रहनी चाहिए कि मात्रा कम से कम गिराई जाए। ज़ियादा मात्रा गिराने से ग़ज़ल की लय बिगड़ती है जिसे बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना जाता।
(2) ग़ज़ल को लिखते वक़्त हमेशा शब्दों को उनके शुद्ध रूप में लिखते हैं। उदाहरण - मान लीजिए आपने 'कोई' को 12 के वज़्न में बाँधा है तो आप 'कुई' नहीं लिखेंगे 'कोई' ही लिखेंगे। मात्रा गिराने से सिर्फ़ उच्चारण में बदलाव आता है।
तो दोस्तो, उम्मीद करता हूँ कि आपको मात्रा गिराने के नियम समझ में आ गए होंगे। मैंने पूरी कोशिश की है कि इसे आसान भाषा में आप तक पहुँचाऊँ। आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह प्रयास क़ाबिल-ए-तारीफ़ लगा हो। अगर आपने मात्रा गणना के नियम वाली पोस्ट नहीं पढ़ी है तो ये पोस्ट आपको और उलझा देगी इसलिए पहले मात्रा गणना के नियम जान लें फिर मात्रा गिराने के नियम पढ़ें। अंत तक बने रहने के लिए आपका शुक्रिया।
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