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Best Emotional Shayari

 

Best Emotional Shayari

अगर आप शायरी के दीवाने हैं और दिल को छू जाने वाली लाइनें ढूँढ़ रहे हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए है। इस लेख में पेश है Best Emotional Shayari — वो शेर जो दर्द, मोहब्बत, तन्हाई और जज़्बात को कुछ ऐसे लफ़्ज़ों में पिरोते हैं कि सीधा दिल पर असर करते हैं।

अपने दिल के जज़्बात सुख़नवरी के ज़रिए व्यक्त करना एक अलग ही एहसास है।  हर इंसान के व्यक्त करने का तरीक़ा अलग-अलग है और मेरे लिए वो तरीक़ा है शायरी। मैं ख़ुद भी एक emotional इंसान हूँ और ये बात मेरी शायरी में आपको झलकेगा भी।  

यहाँ दिए गए अश'आर मेरे चुने हुए बेहतरीन अश'आर  में से हैं, जिन्हें मैं दिल से महसूस करता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि आप भी इन्हें उतना ही महसूस करेंगे।

Best Emotional Shayari सिर्फ़ अल्फ़ाज़ नहीं, एक ज़रिया है उन जज़्बात को बयाँ करने का, जो अक्सर लफ़्ज़ों में नहीं कहे जा सकते।

Best Emotional Shayari

ये बात मेरे सर पे तारी रहती है
चिंता मुझे हर पल तुम्हारी रहती है
– अच्युतम यादव 'अबतर'
मेरी नज़रें तुझ पर ही होंगी
कहीं तू न आँखें चुरा ले
– अच्युतम यादव 'अबतर'
शायरी के भी सितम होते हैं दोस्त
अपने हर दुख लय में लाने पड़ते हैं
– अच्युतम यादव 'अबतर'
सब खोजते हैं हमको हम में ही यहाँ
हम हैं कि अपने जिस्म से बाहर मिले
– अच्युतम यादव 'अबतर'
उस जाने वाले से ये गिला ही रहा कि वो
जाते हुए गले से लगा कर नहीं गया
– अच्युतम यादव 'अबतर'
जानते हैं कि नर्मदिल है क़ज़ा
ज़ीस्त ज़ालिम है फिर भी जी लेंगे
– अच्युतम यादव 'अबतर'
अब  राजगीर  से ही तराशा  जा सकता है
पत्थर सा हो गया है वो इंसान, देखिए
– अच्युतम यादव 'अबतर'
कितना मासूम है ये डर अपना
तू तो ख़ुश है बहुत, मगर अपना?
– अच्युतम यादव 'अबतर'
कर न पातीं वसूली यादें तेरी
वो तो दिल का कोई मकीं नहीं है
– अच्युतम यादव 'अबतर'
इक और नज़रिया तो मिला रिश्ते का आज
सो हिज्र इतना भी बुरा होता नहीं
– अच्युतम यादव 'अबतर'
रोल नंबर दे रही थी ज़िंदगी जब मौत का कल
पास आके मुझसे बोली पहला नंबर आपका है
– अच्युतम यादव 'अबतर'
कह रहा था मैं नहीं है दुख किसी भी बात का
और छलक के गिर गया इक आँसू पिछली रात का
– अच्युतम यादव 'अबतर'
मुश्किलें ज़ीना चढ़ती हैं जब भी
हौसले कूद जाते हैं छत से
– अच्युतम यादव 'अबतर'
ज़िंदगी का हर इक वरक़ पढ़िए बा-शौक़
एक दिन ये किताब लौटानी भी है
– अच्युतम यादव 'अबतर'
एक बूढ़ा शख़्स गुज़रा सामने से जब आज
तो लगा जैसे कि आने वाला कल गुज़रा हो
– अच्युतम यादव 'अबतर'
घबरा के लौट आया हर मरहम
ज़ख़्म इस दिल का इतना गहरा है
– अच्युतम यादव 'अबतर'

तो दोस्तों, ये थे मेरे कुछ तनहा शे'र लेकिन जब बात Best Emotional Shayari की हो रही हो और हम ग़ज़ल की बात ना करें ये तो मुमकिन नहीं है। कई बार तो पूरी की पूरी ग़ज़ल ही हमें emotional कर देती है क्योंकि उस में  अश'आर ही कुछ इस तरह से कहे गए होते हैं कि पाठक या श्रोता भावुक हो जाएँ। तो चलिए अब इस Best Emotional Shayari के कलेक्शन में मैं अपनी कुछ ग़ज़लें भी साझा करता हूँ।  

ग़ज़लें 

1

उसने बस इतना बोला गर रो सको तो रो लो
मुश्किल नहीं है रोना गर रो सके तो रो लो

मैं चाहता हूँ कोई आ के कहे कि मेरा
दिल आज भी है बच्चा गर रो सको तो लो रो

चुप चाप ग़म सहूँगा पर मेरे दोस्त तुमसे
मैं बस यही कहूँगा गर रो सको तो रो लो

ज़ख़्मी है दिल तुम्हारा और अश्क इसकी हाजत
दरमाँ है इसका क़तरा गर रो सको तो रो लो

गर रो सको तो रो लो जब भी कभी हो हँसना
जब भी कभी हो हँसना गर रो सको तो रो लो

फैलेगी रौशनी सी ये ना-तवानी अबतर
करके ज़रा अँधेरा गर रो सको तो रो लो
– अच्युतम यादव 'अबतर'
2

वो इसलिए कि दिल में कहानी उतर सके
इक शख़्स चाहिए जो कि आख़िर में मर सके

कोई मेरे लिए भी रहे मुंतज़िर कभी
कोई हो जो मेरे लिए भी सज-सँवर सके

तन्हाई मेरी गोद में बच्चे की तरह है
क़ाबिल नहीं है इतनी कि ख़ुद से उतर सके

ये आह की हवाऍं जो हैं दफ़्न सीने में
मैं ऐसा क्या करूँ कि ये मौसम गुज़र सके

मैं एहतिराम करता हूँ तूफ़ानों का मगर
वो आदमी मैं हूँ ही नहीं जो बिखर सके

मिलने की जुस्तुजू है अगर अपने आप से
ढूँढो जगह वो ज़ेहन जहाँ पे ठहर सके

'अबतर' उड़ान इतनी ही भरनी है बस मुझे
मेरा ग़ुरूर नीचे जहाँ से उतर सके
– अच्युतम यादव 'अबतर'

जो मिलती नहीं है वही माँगते हैं
मुसलसल तवज्जोह सभी माँगते हैं

वफ़ा मेरी वो जब कभी माँगते हैं
हक़ीक़त में चारागरी माँगते हैं

भला कैसे चमकेगा मेरा सितारा
यहाँ तो सभी चाँद ही माँगते हैं

किसी और के पास रक्खा है कब से
वही हक़ जो हम आज भी माँगते हैं

हर इक चुप्पी पे चोट करते हैं पत्थर
ज़हानत से हम दुश्मनी माँगते हैं

नहीं हैं समुंदर का इक क़तरा भी और
वो तोहफ़े में हमसे नदी माँगते हैं

परेशाँ हैं इक दूजे से मिसरे अबतर
ग़ज़ल मुझसे अब वो नई माँगते हैं
– अच्युतम यादव 'अबतर'

वो भी राज़ी न था अंजाम पे आने के लिए
मैंने भी टोका ही था बात बढ़ाने के लिए

मैं निभाने को निभा सकता हूँ हर इक का साथ
साथ में कोई हो तो साथ निभाने के लिए

मुझको क्यों लगता है ऐसा कहीं देखा है तुम्हें
इक जनम कम पड़ा क्या तुमको भुलाने के लिए

रूह ने ख़ुदकुशी कर ली है मेरे अंदर ही
अश्क मजबूर हैं अब लाश उठाने के लिए

ख़ौफ़ वाजिब है परिंदे का दिखे जब लोहा
काम आता है यही पिंजरा बनाने के लिए

रोक लेंगे मुझे ऐसा लगा उनको लेकिन
काँटे कम पड़ गए रस्तों पे बिछाने के लिए
– अच्युतम यादव 'अबतर'
5

बुरे दिनों के ऐसे फंदे हैं
बच्चों तक ने गुल्लक तोड़े हैं

कितनी सस्ती हैं मेरी आँखें
मेरे आँसू कितने महँगे हैं

मज़हब के तूफ़ाॅं कब समझेंगे
हम सब इक ही शजर के पत्ते हैं

अच्छे से अच्छे न समझ पाऍं
इस तर्ह शेर उसपे कहते हैं

मैं ने काँटों से उलझा ही नहीं
इसके रंज और ज़्यादा चुभते हैं

अश्क कभी ज़ाहिर न हुए अबतर
दुख के लाखों पर्दे होते हैं
– अच्युतम यादव 'अबतर'
उम्मीद है कि ये Best Emotional Shayari का सिलसिला आपके दिल के किसी कोने को ज़रूर छू गया होगा। शायरी की यही ताक़त होती है — ये वो बातें कह जाती है जो अक्सर हम चाहकर भी किसी से नहीं कह पाते। हर शे'र एक जज़्बा है, एक कहानी है, और कभी-कभी एक चुपचाप बहती हुई आँसू की धार भी लेकिन इन सब के बीच हमें ये कभी नहीं भूलना चाहिए कि ये एक बेहतरीन तख़य्युल भी है किसी शायर का। अगर आपने इनमें से किसी शेर को महसूस किया, अगर किसी मिसरे ने आपकी अपनी कहानी याद दिला दी, तो समझिए कि इस पोस्ट का मक़सद पूरा हो गया। 

आपसे गुज़ारिश है कि इस पोस्ट को शेयर करें, ताकि ये जज़्बात औरों तक भी पहुँच सकें। इस ब्लॉग पर आपको आगे भी इसी तरह की Emotional Shayari, दिल को छू लेने वाले शेर, और गहराई से लिखी ग़ज़लें और नज़्में मिलती रहेंगी। जुड़े रहिए, पढ़ते रहिए और अपने दिल की आवाज़ को सुख़न में ढालते रहिए। नीचे कमेंट में अपना पसंदीदा शेर ज़रूर बताएँ — आप किसे सबसे ज़्यादा महसूस कर पाए?

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