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Kushal Dauneria Shayari Collection

Kushal Dauneria Shayari Collection

एक ऐसी भाषा है जो दिल की गहराइयों से निकलती है और सीधे दिलों तक पहुँचती है। हर शायर अपने अनुभवों, जज़्बात और सोच को लफ़्ज़ों की शक्ल देता है, और यही लफ़्ज़ जब दिल से निकलते हैं तो दिलों को छूते हैं।

ऐसे ही एक शायर हैं कुशल दौनेरिया, जिनकी शायरी में एहसास भी है, गहराई भी है और ज़िंदगी की सच्चाइयाँ भी। कुशल की शायरी पाठकों को सोचने पर मजबूर करती है और कई बार चुप्पी में भी बहुत कुछ कह जाती हैं। चलिए, इस पोस्ट "Kushal Dauneria Shayari Collection" में उनकी शायरी की उस दुनिया में क़दम रखते हैं, जहाँ हर मिसरा एक नया जज़्बा लेकर आता है।

कुशल दौनेरिया की ग़ज़लें

1
आँखों के साथ उसे मिरा हँसना नहीं पसंद
दरिया हो या हो घाव उसे गहरा नहीं पसंद

तुम को तो मुझ से गुफ़्तुगू करना पसंद था
अब क्यों मिरी मज़ार पे रुकना नहीं पसंद

तारीख़ आ चुकी है उधर कार्ड छप गए
अब कब कहेगी तुझ को वो लड़का नहीं पसंद

कपड़ों से इत्र तक या किताबों से हार तक
वो बोले तो सही कि उसे क्या नहीं पसंद

इक दिन पड़ा मिला था मुझे रास्तों पे और
इक दिन सुना उसे मिरा छूना नहीं पसंद

– Kushal Dauneria

2
कुछ ऐसे रास्तों से इश्क़ का सफ़र जाए
तुम्हारा हिज्र बहुत दूर से गुज़र जाए

उदासियों से भरी कच्ची उम्र की ये नस्ल
जो शायरी न करे तो दुखों से मर जाए

पचास लोगों से वो रोज़ मिलती है और मैं
किसी को देख लूँ तो उस का मुँह उतर जाए

घटा छटे तो दिखे चाँद भी सितारे भी
जो तुम हटो तो किसी और पर नज़र जाए

हज़ार साल में तय्यार होने वाला मर्द
उस एक गोद में सर रखते ही बिखर जाए

मैं उस बदन से सभी पैरहन उतारूँ और
अंधेरा जिस्म पे कपड़े का काम कर जाए

मेरी हवस को कोई दूसरा मयस्सर हो
तुम्हारा हुस्न किसी और से सँवर जाए

– Kushal Dauneria
3
बची है रौशनी जो भी चराग़ों से निकल जाए
जो मेरे दिल से निकला है दुआओं से निकल जाए

हम ऐसे लोग जो दुश्मन के रोने पर ठहर जाएँ
वो ऐसा शख़्स जो अपनों की लाशों से निकल जाए

पढ़ाने का अगर मतलब है हाथों से निकल जाना
ख़ुदाया फिर मिरी बेटी भी हाथों से निकल जाए

वही इक शख़्स था मेरा यहाँ पर जी लगाने को
उसी को चाहते थे सब कि गाँव से निकल जाए

इधर तो छू रही है जिस्म मेरा ठंडे हाथों से
उधर वो चाहती है रात बातों से निकल जाए

नुमाइश बाप की दौलत की कर के सोचता था मैं
कि शायद इम्तिहान-ए-इश्क़ पैसों से निकल जाए

– Kushal Dauneria
4
तमाम उम्र बचाता रहा ख़ुदा उस को
किसी की लग ही गई फिर भी बद-दुआ' उस को

वो अपनी ज़िंदगी और दोस्तों में है मसरूफ़
मेरी तमाम परेशानियों से क्या उस को

तुम उस से कहना किसी दिन तबाह कर देगा
कम उम्र लड़कियों के दिल से खेलना उस को

बिछड़ते वक़्त उसे देख कर लगा जैसे
हर एक चीज़ का पहले से इल्म था उस को

हुनर-शनास किसी दिन क़रार कर देंगे
बनाने वाले तिरे फ़न की इंतिहा उस को

न जाने कौन सा पेशा है जिस में लगता है
हर एक शाम कोई आदमी नया उस को

उसे सताएँ मोहब्बत के लौटते मौसम
कभी भी रास न आए अमेरिका उस को

ख़ुदा मैं भी तिरी इस दुनिया को मिटा दूँगा
हमारे झगड़े में कुछ भी अगर हुआ उस को

– Kushal Dauneria

5
क्या हो कि मेरी ज़िंदगी से तू निकल सके
जिस से कि मेरे दर्द का पहलू निकल सके

दरकार इस लिए है मुझे दूसरा बदन
उस की दिल-ओ-दिमाग़ से ख़ुशबू निकल सके

सब अपनी अपनी लाशों को मंदिर में ले चलो
शायद ख़ुदा की आँख से आँसू निकल सके

गहरी हुईं जड़ें तो ये शाख़ें हरी हुईं
पावँ जमे तो पेड़ के बाज़ू निकल सके

मैं उस के बा'द सिर्फ़ इन्हीं कोशिशों में हूँ
गर्दन से उस के नाम का टैटू निकल सके

अपनी हथेलियों में ये आँखें निचोड़ लूँ
मुमकिन है तेरे हिज्र से चुल्लू निकल सके

मैं चाहता हूँ रात में सूरज-मुखी खिले
मैं चाहता हूँ दिन में भी जुगनू निकल सके

– Kushal Dauneria
6
यानी कि इश्क़ अपना मुकम्मल नहीं हुआ
गर मैं तुम्हारे हिज्र में पागल नहीं हुआ

वो शख़्स सालों बाद भी कितना हसीन है
वो रंग कैनवस पे कभी डल नहीं हुआ

उस गोद जैसी नींद मयस्सर न हो सकी
उतना तो मखमली कभी मखमल नहीं हुआ

दो चार राब्तों ने ही पागल किया मुझे
अच्छा हुआ जो रब्त मुसलसल नहीं हुआ

इस बार मेरे हाल पे खुलकर नहीं हँसी
इस बार तेरे गाल पे डिंपल नहीं हुआ

अंधा वो क्यों हुआ पता लगने के बाद मैं
ता-उम्र उसकी आँख से ओझल नहीं हुआ

यूँ खींचती है तीर वो अपने निशाने पर
हर इक शिकार मर गया घायल नहीं हुआ

– Kushal Dauneria
7
हमारे दिल में कोई क्या रहेगा
अगर तू आँख से रिसता रहेगा

चला हूँ छोड़कर इतनी ज़मीनें
मेरी औलाद में झगड़ा रहेगा

उसे इस हुस्न की क़ीमत पता है
ये वो सिक्का है जो चलता रहेगा

मैं ऐसा इश्क़ करके जा रहा हूँ
हज़ारों साल तक चर्चा रहेगा

– Kushal Dauneria
8
कल शब लिबास उसने जो पहना गुलाब का
ख़ुशबू गुलाब की कहीं चर्चा गुलाब का

देखी हसीन लोगों की औलाद भी हसीन
पौधे से उगता देखा है पौधा गुलाब का

मैं था गुलाब तोड़ने वालों के शहर से
और उसको चाहिए था बगीचा गुलाब का

सुनते हो आज टूट गया लाडले का दिल
अब उसके आगे ज़िक्र न करना गुलाब का

– Kushal Dauneria
9
जो भी अफ़वाह था वो सच निकला
शोर मचना था शोर मच निकला

छिप गई बात हाथ कटने की
ख़ून मेहँदी के साथ रच निकला

दुख तो ये है कि तेरे बारे में
जहाँ से जो सुना वो सच निकला

सोचता हूँ वो ऐन मौक़े पर
कैसे मेरी हवस से बच निकला

– Kushal Dauneria
10
जला कर दिल उजाला हो गया क्या
मेरा ज़र्रा सितारा हो गया क्या

नई चीज़ों को घर में रखने वाले
मैं कुछ ज़्यादा पुराना हो गया क्या

घरों से भागने वाले बताएँ
मोहब्बत से गुज़ारा हो गया क्या

– Kushal Dauneria
11
आए दिन मुझसे ख़फ़ा रहता है
दिल को इक डर सा लगा रहता है

सारा दिन प्यार करेगा मुझसे
जैसे तू घर पे बड़ा रहता है

सबसे कहती है तुम्हारा शायर
मेरे पहलू में पड़ा रहता है

इश्क़ वो खेल है जिसमें हर वक़्त
जान का ख़तरा बना रहता है

– Kushal Dauneria
12
यहाँ तुम देखना रुतबा हमारा
हमारी रेत है दरिया हमारा

किसी से कल पिताजी कह रहे थे
मुहब्बत खा गई लड़का हमारा

तअ'ल्लुक़ ख़त्म करने जा रही है
कहीं गिरवा न दे बच्चा हमारा

– Kushal Dauneria
तो ये थीं कुशल दौनेरिया की चुनिंदा ग़ज़लें। इनमें से आपने बहुत से अश'आर सुने होंगे क्यूँकि कुशल की शायरी नए दौर के लोगों से सीधा जुड़ती है। आइए, अब हम  उनके चुनिंदा अश'आर पढ़ते हैं। 

 कुशल दौनेरिया के अश'आर

वो शख़्स सालों बाद भी कितना हसीन है
वो रंग कैनवस पे कभी डल नहीं हुआ
– Kushal Dauneria
सारे का सारा तो मेरा भी नहीं
और वो शख़्स बेवफ़ा भी नहीं

ग़ौर से देखने पे बोली है
शादी से पहले सोचना भी नहीं 
– Kushal Dauneria
चल गया होगा पता ये आपको
बेवफ़ा कहते हैं लड़के आपको

इक ज़रा से हुस्न पर इतनी अकड़
तू समझती क्या है अपने आपको
– Kushal Dauneria
न जाने क्यूँ गले से लगने की हिम्मत नहीं होती
न जाने क्यूँ पिता के सामने बेटे नहीं खुलते 
– Kushal Dauneria
तारीख़ आ गयी है उधर कार्ड छप गए
अब कब कहेगी तुझको वो लड़का नही पसंद
– Kushal Dauneria
ये वो क़बीला है जो हुस्न को ख़ुदा माने
यहाँ पे कौन तेरी बात का बुरा माने

इशारा कर दिया है आपकी तरफ़ मैंने
ये बच्चे पूछ रहे थे कि बेवफ़ा माने?
– Kushal Dauneria 
तो ये था कुशल दौनेरिया की शायरी का संकलन। उम्मीद करता हूँ कि इस पोस्ट "Kushal Dauneria Shayari Collection" को आप उतना ही प्यार देंगे जितना आप कुशल की शायरी को देते हैं। अंत तक बने रहने के लिए आपका शुक्रिया। 

Kushal Dauneria's Instagram Profile:  https://www.instagram.com/kushaldauneria/?hl=en 

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